याद

तुम्हारे होश में मदहोश हुए जा रहें  हैं
तुम्हारी याद  में जिये जा रहें  हैं
फिर भी तुम कहती  हो हमसे मोहब्बत नही हैं
तुम्हारे लिए ही तो जिए  जा रहे हैं.....

उसके मीठे सपनों में
अब तुम खो जाओ
 प्यारी सी अंखियों में
उसके सपने लेकर अब तुम सो जाओ....

अगर जीतना है तो हारने से क्या डरना
मोहब्बत है अगर उससे तो बताने से क्या डरना
इरादा मजबूत कर लो अपना
अब इस खेल में हारने जीतने से क्या डरना.....

थकने के डर से चलना कैसे छोड़ दूं
बिछड़ने के डर से उससे मिलना कैसे छोड़ दूं
अब तुम ही बताओ मेरे हमसफर
इस बदले वक़्त में तुम्हें अपना कहना कैसे छोड़ दूं


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