उसके नाम

उसके नाम लिखी थी जो इबादत
उसे बरकरार रखने दो
कैसे बताऊं हमदर्द को
जो दर्द है उसे अब बरकरार रखने दो...

अगर इकरार है तो कुछ इन्कार रहने दो
लबो पर आकर रुकी हो जो बात दिल में रहने दो
इस मुकाम पर आकर मिली है जो शोहरत
उसे प्यार के नाम ही रहने दो....

जो है अधूरी कहानी उसे बेनाम रहने दो
जो लिख दी इबादत अब तक उसे बेदाग रहने दो
सफर भले ही ये आखरी है मेरी कहानी का
बस इसे मेरे हमराज राज रहने दो....

तड़प हमें भी बाकी है रिश्ते की 
हो सके तो इसे मेरे पास रहने दो
भले ही कुछ न दे सको अब मुझे तुम
अब यादों को ही मेरे पास रहने दो ....
 
दिलों को मिला कर प्यार करने दो 
जो अब तक ना कह सके और बात कहने दो
हम मुसाफिर हैं इस सफर के 
बस इस सफर में साथ रहने दो.....

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