उससे दूर जाने से डर लगता है

उससे दूर जाने से डर लगता है
इसलिए पास आने से डरता हूं 
कहीं मेरी आदत ना बन जाए
इसीलिए उससे बात करने से डरता हूं उससे बात ......

बहुत चाहत है उसे पाने की
इसीलिए खोने से डरता हूं 
खिलता हुआ कमल है वो कन्ही मुरझा ना जाए 
इसीलिए छूने से डरता हूं इसीलिए छूने से डरता हूं.....

सोचता हूं कह दूं उनसे अपने दिल की बात
मगर उसका जवाब सोच कर ठहर जाता हूं
मुझे तो आदत है अकेले रहने की
उसका क्या होगा ये सोच कर ठहर जाता हूं ठहर जाता हूं.....

ठहरा रहूंगा अगर उसकी गली में तो मुलाकात भी होगी 
आज नहीं तो कल उनसे बात भी होगी
कभी तो मान जाएंगे मेरे प्यार की बात को
आज नहीं तो कल उनसे मोहब्बत की बात भी होगी.......
  
अगर दर्द है तो हमदर्द से बांट लेना ही बेहतर है 
दिल में ख्याल है जो उसका तो बता देना ही बेहतर है 
कब तक बैठे रहोगे यादों के साए में उसकी
उसको हमसफर बना लेना ही बेहतर बना लेना ही....

हाथ पकड़कर छोड़ने का इंतजाम तो न कर दोगे 
हंसाकर हमसफर रुलाने का पैगाम तो ना दोगे
जीवन के सफर के हम दोनों राही हैं 
इस सफर में भुला तो ना दोगे भुला तो ना दोगे....

बात जब उसके साथ चलने की हो तो थकने से क्या डरना
उसकी गलियों से गुजरो तो अफवाहों से क्या डरना
उठी है नजर जो उसकी तरफ तो मिला लेना ही बेहतर है
नजर लगाने वालों से क्या डरना क्या डरना.....


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